नेपाल की शादी में दूर्वा की माला क्यों पहनते है ?
नेपाल भारत से सटा एक हिन्दू राष्ट है यहाँ हिन्दू परंपरा के अनुसार शादी होती है
शादी को एक पवित्र व सफल बनाए के लिए दूर्वा घास का इस्तमाल किया जाता है ,
नेपाल में दूर्वा घास डुबो कहा जाता है यहाँ पर शादी में इसका प्रयोग सदियों से चली आ रही है

नेपाल की शादियों में दूल्हा-दुल्हन दूर्वा घास की माला पहनते हैं, जिसे “डुबो को माला” कहते हैं, क्योंकि यह बरमूडा घास (दूर्वा) लंबे समय तक मुरझाती नहीं है, जो एक लंबे, सुखी विवाह का प्रतीक है। यह घास स्वास्थ्य और लंबे जीवन का भी प्रतीक है।
दूर्वा घास माला पहनने के मुख्य कारण
1-लंबे और सुखी जीवन का प्रतीक:
दूर्वा घास को हिंदू विवाहों में एक लंबी, सुखी और सौभाग्यपूर्ण शादी का प्रतीक माना जाता है।
2- स्वास्थ्य और पुनर्जनन:
यह घास भूमि से उखाड़ने के बाद तेजी से फिर से उग आती है, जो पुनर्जनन और नवीनीकरण की शक्ति का प्रतीक है। इसका औषधीय महत्व भी माना जाता है।
3- शुद्धिकरण की शक्ति:
नेपाली आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस घास में शुद्धिकरण की शक्ति होती है।
4- स्थायित्व:
दूर्वा घास इतनी अच्छी तरह सुरक्षित रहती है कि यह लंबे समय तक मुरझाती नहीं है, जो विवाह में स्थायित्व और सुदृढ़ संबंध का संकेत देता है।
